चंबल की डकैत सीमा परिहार की जिंदगी की कहानी

कहते हैं कि जिंदगी कब क्या मोड़ लेगी, कोई नहीं जनता, किस्मत इंसान को कहां से कहां ले जाती है, यह भी कोई नहीं जानता। ऐसी ही कहानी है दस्यु सुंदरी सीमा परिहार की, उत्तर प्रदेश के औरैया जिले के दिबियापुर कस्बे में सीमा परिहार नाम की एक पूर्व दस्यु रहतीं हैं। 47 साल पहले बबाइन गांव में सीमा परिहार नाम की एक लड़की का जन्म हुआ। सीमा के पिता शिरोमणी सिंह अपनी बेटी का जीवन अच्छा बनाना चाहते थे, लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था।

कई साल पहले की बात है, सीमा परिहार अपनी 4 बहनों, दो भाई अपने माता-पिता के साथ गांव में एक छोटे से मकान में रहती थीं। सीमा उस वक्त मात्र 13 साल की थी। एक रात सभी घर में सो रहे थे। रात में बरसात शुरू हो गई थी और उसी दौरान घर के बाहर गोली चलने की आवाज आई। कुछ ही देर में सीमा के घर के दरवाजे को तोड़ते हुए एक औरत सहित 8-10 लोग घर के अंदर घुस गए और 13 साल की बच्ची को उठाकर ले गए।और यहीं से सीमा परिहार के डाकू बनने की कहानी शुरू हो गई।

13 साल की उम्र में अगवा हुई, 16 साल में उठा ली बंदूक, 150 हत्या के बाद Bigg Boss में भी जमाई धाक

सीमा परिहार 13 साल की थी, जब डाकू लाला राम उसे घर से उठाकर ले गया। सीमा ने भागने की कोशिश की, लेकिन बच नहीं पाई. सीमा ने फिर अपनी किस्मत स्वीकार ली और 16 साल की उम्र में बंदूक थाम ली।

बंधक बनने से कुख्यात डकैत बनने की कहानी

डाकू लाला राम, 13 साल की मासूम सीमा परिहार को उठाकर चंबल के बीहड़ में ले गया। सीमा ने वहां से बाहर निकलने की बहुत कोशिश की, लेकिन कामयाब नहीं हो पाई. डाकू लाला राम जहां भी जाता, सीमा पर कड़ा पहरा बैठा कर जाता था। अपने गैंग के लोगों से उसने बोलकर रखा था कि अगर सीमा भागने की कोशिश करे, तो उसे गोली मार देना। इसके बाद सीमा चंबल के बीहड़ की होकर रह गई और उसी को अपना घर बना लिया।

सीमा परिहार ने बीहड़ में रहने के तौर तरीके सीख लिए और 16 की उम्र तक आते-आते अपने हाथों ने बंदूक थाम ली। सीमा परिहार जरूरत पड़ने पर गैंग के सदस्यों के साथ बन्दूक ले कर पुलिस के साथ मुठभेड़ करने को तैयार रहती थी।

डाकू निर्भय गुर्जर से की थी शादी

डाकू लालाराम की गैंग के साथ मिलकर डाकू निर्भय गुर्जर ने भी चंबल में आतंक मचा रखा था। सीमा परिहार और निर्भय गुर्जर का एक दूसरे के लिए दिल धड़कने लगा। सीमा परिहार ने काफी समय तक गैंग में रहने के बाद निर्भय गुर्जर का हाथ थाम लिया और उससे शादी कर ली. सीमा परिहार का कन्यादान भी डाकू लालाराम ने ही किया। लगभग दो साल निर्भय गुर्जर के साथ रहने के बाद सीमा परिहार 1997-98 में रिश्ता तोड़कर वापस लालाराम के पास आ गई और फिर उसने लालाराम गुर्जर से भी शादी की।

सीमा परिहार ने दिया लड़के को जन्म

सीमा परिहार ने 1998 में लालाराम से शादी करने के बाद 1999 में एक लड़के को जन्म दिया था. सीमा परिहार का लड़का लगभग 13 महीने का हुआ था कि उसी वक्त सन् 2000 में लाला राम पुलिस मुठभेड़ में मारा गया। लालाराम की मौत के बाद सीमा परिहार अकेली पड़ गई। पुलिस सीमा परिहार के पीछे पड़ गई। सीमा भी अपने बेटे को लेकर भागती रही और अंत में मजबूर होकर सरेंडर कर दिया।

पति की मौत के बाद किया सरेंडर

सीमा परिहार ने अपने बेटे की खातिर बीहड़ से निकलने का फैसला लिया। पुलिस से बात के बाद सीमा ने बंदूक का लाइसेंस और जमीन देने की शर्त पर साल 2000 में उत्तर प्रदेश पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया। उस समय सीमा परिहार पर 200 लोगों के अपहरण, 30 लूट और 70 हत्या के केस दर्ज थे। पकड़े जाने के बाद सीमा परिहार लगभग 3 साल जेल में रही। सीमा बताती हैं कि शुरुआत के 6 महीने सीमा परिहार ने अपने बेटे को अपने साथ जेल में रखा। रिहा होने के बाद सीमा परिहार ने एक बार फिर चंबल जाने की सोची, लेकिन अपने बेटे को अच्छा इंसान बनाने की खातिर चंबल की तरफ मुड़कर दोबारा कभी नहीं देखा।

बिग बॉस से जुड़ी सीमा परिहार

जेल से छूटने के बाद सीमा ने राजनीतिक पार्टी भी जॉइन की। सीमा परिहार को साल 2010 में बिग बॉस 4 से जुड़ने का ऑफर मिला। बिग बॉस में आने के बाद सीमा परिहार ने सबका दिल जीत लिया और 76वें एपिसोड में बाहर हुईं। सीमा परिहार को साल 2011 में राष्ट्रीय अपराध उन्मूलन समिति का अध्यक्ष भी बनाया गया था। इसके बाद सीमा परिहार बतौर सोशल वर्कर काम करने लगीं।

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लिखाड़े

Trainee Journalist हूं फिलहाल, जल्द स्थाई होने की प्रबल संभावना है। आजकल IIMC में अपना अड्डा जमा हुआ है। Delhi University🎓 से BA कर चुका हूं लोगों को दिखाने के लिए, भट्ट कनपुरिया हूं। "अप्प दीपो भव:" में भयंकर भरोसा है। |आना है जाना है जीवन चलते जाना है... | बस इतना ही है। ब्लॉग पढ़ लो..